పాట: "ఏ హోస్లా కైసే ఝుకే .."
సంగీతం : Salim-Sulaiman
సినిమా : Dor (2006) (http://navatarangam.com/2009/10/dor/)
సాహిత్యం:Mir Ali Hussain
పాడినది : Salim Merchant, Shafqat A. Ali Khan
ऎ हॊंसला कैसॆ झुकॆ
ऎ आर्जू कैसॆ रुकॆ
मंजिल मुष्किल तो क्या
बुंद्ला साहिल तो क्या
तन्हा यॆ दिल तो क्या
हॊ...ओ..
राह पे कंटॆ बिखरॆ अगर,
ऊस् पॆ तॊ फिर भी चलना ही है,
शाम छुपालॆ सूरज मगर,
रात को एक दिन ढलना ही हैं
ऋत ये टल जयेगी,
हिम्मत रंग लायॆगी,
सुबहा फिर आयॆगी
हॊ...ओ..
होगी हमें तॊ रेह्मत अदा,
धूप कटॆगी साये तले,
अपनी ख़ुदा से हैं ये दुवां,
मंज़िल ळ्गाले हुमकॊ गले
ज़ुर्रत सोबार रहॆ,
ऊंचा इक्रार रहे,
ज़िंदा हर प्यार रहें
हॊ...ओ..