రాహత్ ఫతే అలీ ఖాన్ పాడిన ఒక పాట అదివరకు ఒకటి టపాలో పెట్టాను.. నిన్న మరో మంచి పాట ఓ ఎఫ్.ఎం లో విన్నాను. "మేరె బ్రదర్ కి దుల్హన్' సినిమా లోది పాట. సాహిత్యం సంగీతం రెండు బాగున్నాయి. రాహత్ గళం కుడా సరిగ్గా సరిపోయింది పాటకి.
Film: Mere Brother Ki Dulhan
Singer: Rahat Fateh Ali Khan
Music : Sohail Sen
Lyricist: Irshad Kamil
lyrics :
कोई बोले दरिया है...कैसा, कैसा है इश्क
कोई माने सेहरा है...कैसा, कैसा है इश्क
कोई बोले दरिया है...कैसा, कैसा है इश्क
कोई माने सेहरा है...कैसा, कैसा है इश्क
कोई सोने सा तोले रे, कोई माटी सा बोले रे
कोई बोले के चांदी का है छुरा
होता ऐसे ये मौके पे, रोका जाए ना रोके से
अच्छा होता है, होता है ये बुरा
कैसा ये इश्क है, अजब सा रिस्क है..
कैसा ये इश्क है, अजब सा रिस्क है..
अजब सा रिस्क है......
कैसा इश्क है...(3)
मुश्किलों मे ये डाले, जो भी चाहे करा ले,
बदले ये दिलों के फैसले.
मन का मौजी, इश्क तो जी
अलबेली सी राहों पे ले चले.. (2)
कोई पीछे ना आगे है
फिर भी जाने क्यूँ भागे है
मारा इश्के का, इश्के का दिल मेरा..दिल मेरा..
इसके उसके ये हिस्से मे, तेरे मेरे ये किस्से मे
मौला सीखे बिन सीखे बिन दे सिखा.
कैसा ये इश्क है, अजब सा रिस्क है..
कैसा ये इश्क है, अजब सा रिस्क है..
नैना लागे तो जागे, बिना डोरी या धागे
बंधते है दो नैना ख्वाब से.
ना अता हो, ना पता हो
कोरे नैनो मे कोई आ बसे..(2)
इसका उसका ना इसका है
जाने कितना है, किसका है
कैसी भासा मे, भासा मे है लिखा
इसके उसके ये हिस्से मे, तेरे मेरे ये किस्से मे
मौला सीखे बिन सीखे बिन दे सिखा.
कैसा ये इश्क है, अजब सा रिस्क है..
कैसा ये इश्क है, अजब सा रिस्क है..
No comments:
Post a Comment